हिन्द मजदूर महासभा की स्थापना 29 दिसम्बर 1948 को मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए की गयी थी इसकी स्थापना में समाजवादी और स्वतंत्र संघवादी शामिल थे
इसके संस्थापकों में अशोक मेहता, टी.एसरामानुजम और जी.जी. मेहता , बसावन सिंह , शिवनाथ बनर्जी , आर एस रुइकर , टी एस रामानुजन , आरए खेदगीकर शामिल थे
इसके संचालन के लिए आरएस रुइकर को अध्यक्ष तथा अशोक मेहता को महासचिव चुना गया।
श्रम मंत्रालय के आकड़ों के अनुसार 2002 में यह मजदूरों का सबसे बड़ा संगठन माना गया जिसमे सदस्यों की संख्या 33 लाख थी।
इसमें आल इंडिया रेलवे फेडरेशन और ऑल इंडिया पोर्ट एंड डॉक वर्कर्स फेडरेशन भी शामिल है
हिन्द मजदूर महासभा 1949 को इंटरनेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ फ्री ट्रेड यूनियंस का संस्थापक सदस्य बना था और वर्तमान में यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ परिसंघ से मान्यता प्राप्त है।