RIP Full Form in Hindi – रिप का हिन्दी मीनिंग रेस्ट इन पीस होता है (लैटिन: Requiescat in pace रिक्वेस्टकैट इन पेस, आरआईपी) एक मुहावरेदार अभिव्यक्ति है जो किसी के लिए अनंत आराम और शांति की इच्छा रखता है जो मर गया है। RIP का उपयोग उस व्यक्ति के प्रति सम्मान और सहानुभूति दिखाने के लिए किया जाता है जो मर गया है। संक्षिप्त नाम R.I.P. अक्सर gravestones या obituaries पर पाया जाता है
RIP का फुल फॉर्म रेस्ट इन पीस है। RIP शब्द का उपयोग ज्यादातर ईसाई करते हैं क्योंकि वे शवों को जलाते नहीं हैं बल्कि उन्हें दफनाते हैं। यह एक वाक्यांश है जो आमतौर पर कैथोलिकों की कब्र पर लिखा जाता है कि वे शांति से अनंत शांति की कामना करते हैं कि उनकी आत्मा शांति से बिना कोई रुकावट के स्वर्ग में जाए
RIP Full Form – Rest in peace.
रिप का हिन्दी मीनिंग – रेस्ट इन पीस यानि की आत्मा को शांति प्राप्त हो ।
RIP का इतिहास – History of RIP
इसका इतिहास बहुत पुराना है लगभग 13वी से 16वीं शताब्दी के बीच इसका उपयोग शुरू हुआ
इसी तरह का एक वाक्यांश यशायाह की पुस्तक में पाया जाता है। उनके विश्वास में कि भगवान न्याय दिवस पर जीवित वस्तुओं का न्याय करेंगे; तब तक शरीर को शांति में रहना चाहिए। अभिव्यक्ति आमतौर पर हेडस्टोन पर RIP या R.I.P के रूप में दिखाई देती है। इसका उपयोग आत्मा की मृत्यु के बाद अनन्त शांति पाने के लिए प्रार्थना के रूप में भी किया जाता है। 18 वीं शताब्दी में, यह कैथोलिकों की कब्रों पर आम हो गया, जिनके लिए यह एक प्रार्थनापूर्ण अनुरोध था कि उनकी आत्मा को जीवन शैली में शांति मिलनी चाहिए।
इस शब्द का प्रयोग अधिकतर ईसाई धर्म में किया जाता है और कोई अन्य धर्म इसका उपयोग नहीं करता है। यह ईसाई धर्म का धार्मिक शब्द है परंतु आम बोल चाल की भाषा में सभी धर्मो के लोग RIP का use करने लगे हैं ।
RIP क्यों Use किया जाता है
जो लोग आत्माओं और भूतों में विश्वास करते हैं, वो मानते हैं कि मरने वाले लोग कभी-कभी वहाँ नहीं जाते हैं जहां वे जाने के लिए हैं मतलब कि न तो वह स्वर्ग जाते हैं और न ही नरक जा पाते हैं (ईसाई सोचते हैं कि यह स्वर्ग या नरक होता है ) तो वह धरती पर ही भूतों के रूप में निवास करते है ।
इसीलिए जब ईसाई धर्म में किसी कि मौत होती है तो लोगों को यह पता नहीं होता की मरने वाला व्यक्ति कहा जाएगा स्वर्ग में या नरक में इसलिए वह RIP यानि रेस्ट इन पीस बोल कर प्रार्थना करते हैं कि इसकी आत्मा को शांति मिले ।
दूसरे धर्म में RIP का Use क्यों नहीं होता ?
दोस्तों RIP का USE केवल ईसाई और मुस्लिम धर्म में देखने को मिलता है और दूसरे धर्मो में इसका इस्तेमाल क्यों नहीं होता ये प्रश्न मन मे उठना स्वाभाविक है चलिये हम आपको इसका उत्तर दे देते हैं –
ईसाई और मुस्लिम धर्म में लोगो की मौत होने के बाद उनको मिट्टी में दफन कर दिया जाता है यानि की दफना दिया जाता है तो वह प्रार्थना करते है की व्यक्ति को शांति मिले यानि की उसके शरीर और आत्मा को शांति मिले पर हिन्दू धर्म में शरीर को नश्वर माना जाता है और आत्मा को अमर इसलिए हिन्दू धर्म में शरीर को जला दिया जाता है और केवल आत्मा की शांति की प्रार्थना की जाती है
RIP शब्द का उपयोग और Social Media
आपको जानकार हैरानी होगी कि RIP शब्द का उपयोग जितना कब्रों पर नहीं हुआ है उससे ज्यादा Social Media पर use हुआ है । हालांकि दुनिया में जितने लोग मरते है उससे लगभग आधे लोग Social Media से जुड़े हुये है और इंटरनेट की पहुँच अधिक होने से Social Media का इस्तेमाल और भी सहज हो गया है इसी कारण से RIP शब्द का उपयोग Social Media पर बहुत ही अधिक हुआ है। Social Media पर लोग hii hello के जैसे इसका उपयोग देते हैं परंतु साधारण तौर पर यह इक प्रार्थना के जैसा है ठीक वैसे ही जैसे कि हिन्दू धर्म में किसी कि म्रत्यु होने है ॐ शांति का उपयोग किया जाता है
RIP इक क्रिया भी है जिसका अर्थ चीरना या फाड़ना होता है जो English में use की जाती है जैसे कि ripping a strip of cloth कपड़े का टुकड़ा फाड़ना आदि
तो मित्रों आप RIP Full Form का मतलब जान गए होंगे हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको कैसी लगी हमे नीचे कमेंट करके जरूर बताए
- मानव शरीर में सबसे ज्यादा कौन सा तत्व पाया जाता है
- किस शहर को “मंदिरों का शहर” कहा जाता है?
- भारत की सीमा किस देश के साथ सबसे ज्यादा है?
- G7 समूह क्या है और इसमें कितने देश हैं