ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे कहते है?
भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना साल 1965 में की गयी थी।
देश का कोई भी व्यक्ति जो भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है।
अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक 7 बार इस सम्मान को प्राप्त कर चुके हैं। साल 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2018:
वर्ष 2018 का 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार अंग्रेजी के प्रतिष्ठित साहित्यकार अमिताव घोष को प्रदान किया जाएगा।
अमिताव घोष देश के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अंग्रेजी के पहले लेखक है। 14 दिसम्बर 2018 को प्रतिभा रॉय की अध्यक्षता में आयोजित ज्ञानपीठ चयन समिति की बैठक में अमिताव घोष को साल 2018 के लिए 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया था।
पुरस्कार के रूप में उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा, 11 लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘द सर्किल ऑफ रीजन’, ‘दे शेडो लाइन’, ‘द कलकत्ता क्रोमोसोम’, ‘द ग्लास पैलेस’, ‘द हंगरी टाइड’, ‘रिवर ऑफ स्मोक’ और ‘फ्लड ऑफ फायर’ शामिल है।