दिल्ली दरबार का आयोजन कब हुआ ?

अंग्रेजी हुकूमत के दौर में 3 बार राजकीय दरबार का आयोजन दिल्ली में किया गया

delhi darbar ka aayojan kab kiya gaya

प्रथम दिल्ली दरबार – सन 1877 में लार्ड लिटन के कार्यकाल के दौरान प्रथम बार दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया था इसमें प्रमुख रूप से महारानी विक्टोरिया को जो की इंग्लैंड की महारानी महारानी थीं भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया और उसके साथ ही उसे कैसर ए हिन्द की उपाधि प्रदान की गयी ।

इसी समय दक्षिण भारत में भयंकर अकाल के कारण भयावह स्थिति थी जिसमे की हजारों भारतीयों की म्रत्यु हुई वहीं दूसरी और लार्ड लिटन द्वारा दिल्ली दरबार का आयोजन कर धन की असीम बर्बादी की गयी इसमें बंगाल प्रान्त का पुनः गठन किया गया।

दूसरा दिल्ली दरबार – सन 1903 में लार्ड कर्जन द्वारा पुनः दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया इसमें भी बेशुमार धन की बर्बादी की गयी जो की प्रथम दिल्ली दरबार की तुलना में 100 गुना अधिक थी । इसमें इग्लैंड के तत्कालीन राजा एडवर्ड सप्तम की ताजपोशी की घोषणा की गयी । इसका मकसद अंग्रेजी हुकूमत की ताकत का प्रदर्शन मात्र था जो की बे नतीजा निकाल ।

तीसरा दिल्ली दरबार – सन 1911 में लार्ड हार्डिग के कार्यकाल में इसका आयोजन हुआ जो की ब्रटिश राजा जॉर्ज पंचम और महारानी मेरी के भारत के आगमन पर किया गया था जिसमे बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया गया और दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा की गयी।

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